गर्मियों की छुट्टियों से पहले मिले फुर्सत के दिन बोनस में मिले पलों की तरह थे। होली के रंग में डूबे मौसम में हमने चित्तरंजन शहर में समय बिताने का फैसला किया। पाँच दिनों का अवकाश और पहाड़ी या सागर के किनारे बसे शहरों को न चुनकर हमने चित्तरंजन को...
Read moreपहाड़ों की खामोशी में गुजरा वक्त / In The Serenity of Hills
ऊंचे पहाड़ों के बीच मेघों की आँखमिचौनी के प्रति मेरा गहरा रुझान रहा है। तभी तो गर्मियों की छुट्टियों का ख्याल आते ही उत्तर बंगाल के ऋश्यप, कोलाखाम और चारकोल की खामोश वादियों में वक्त गुजरने की चाह मन में बरबस उठने लगी। छुट्टियाँ शुरू होने के पहले...
Read moreबंगाल का स्वर्ग – दार्जिलिंग / Darjeeling: The Paradise of Bengal
गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू होने वाली थीं। लेकिन छुट्टियों में खुली प्रकृति के बीच जाकर समय बिताने की योजना अब तक नहीं बन पाई थी। इतने कम समय में सफर के टिकट और रहने की जगह का प्रबंध हो पाना भी मुश्किल था। इच्छा में बड़ी ताकत होती है। इच्छा की...
Read moreनदियों का संगम स्थल / Place of Confluence of Rivers
शरद् ऋतु की हवाओं में देवी दुर्गा के आगमन की गंध-सी होती है। हर बार की तरह इस बार भी दुर्गा पूजा की छुट्टियों का हमें बेसब्री से इंतजार था। इस बार पूजा की छुट्टियों को हमने प्राकृतिक ऐश्वर्य को महसूस करते हुए बिताने की बात तय की थी। ऐश्वर्यमयी...
Read moreबंगाल में त्रिवेणी संगम का सौंदर्य / Beauty of Confluence of Three Rivers in Bengal
हावड़ा जिले के उलुबेड़िया में स्थित गौरचुमुक के शांतिपूर्ण वातावरण में बिताई दुर्गा पूजा की छुट्टियों की यादें अब भी मन में ताजा थीं। इसी सफर में हम एक दिन गादियारा घूम आए थे। रूपनारायण, गंगा और दामोदर नदी के संगम स्थल पर बसा गादियारा आंखों की...
Read moreसागर से घाटी तक / From Sea to Valley
देवभूमि उत्तराखंड में बीते चंद दिन / Few Days Spent in ’Devbhoomi’ (Land of Gods) Uttarakhand
कुछ सालों से दुर्गापूजा की छुट्टियों में शहर के शोर शराबे से कहीं दूर जा कर समय बिताने की ख्वाहिशें मन को घेरने लगी थीं। दुर्गापूजा में बंगाल के विशिष्ट वाद्ययंत्र ’ढाक’ की आवाज आजकल कहीं खो सी गई है। पॉप और रैप संगीत की आवाज दिलो दिमाग पर हथौड़े...
Read moreबंगाल का एक खूबसूरत शहर / A Beautiful City of Bengal
मई-जून की छुट्टियों में मन को तरोताजा करने के लिए प्रकृति में रमकर समय बिताने की आदत अब गहरी चाहत बन गई थी। इस साल मई-जून की कार्यसूची इस चाहत को पूरा करने की इजाजत नहीं दे रही थी। लेकिन गर्मियों की छुट्टी में प्रकृति के साये में वक्त बिताकर मन...
Read moreधानी चुनरी आसमानी चादर और जल का आईना / The Paddy Fields, Sky and The Mirror of Water
नवंबर का महीना समाप्त होने के कगार पर था। सर्दियाँ मानो दहलीज़ तक पहुँचकर भी कोलकाता में प्रवेश करने से हिचकिचा रही थीं। हर साल दिसंबर में बड़े दिन की छुट्टियों में मन को प्रकृति की खुली हवा में रमाने की एक आदत से पड़ चुकी थी। लेकिन इस बार कुछ...
Read moreएक अनोखे सफर की दास्तां / The Story of a Unique Journey
एक अनोखे सफर की दास्तां / The Story of a Unique Journey प्रकाश और ऊर्जा की अवधारणाएं मेरी कविताओं की किताब ’सृष्टि चक्र’ के लिखने के बाद से ही मन को जैसे रोज सृष्टि में रमने के लिए खींच कर ले जाती थीं। मेरे आसपास रहने वाले लोग इन अवधारणाओं को जड़...
Read moreदो ऐतिहासिक शहरों की कथा / The Story of Two Historical Cities
दो ऐतिहासिक शहरों की कथा / The Story of Two Historical Cities ऐतिहासिक शहर दिल्ली और आगरा देखने का सौभाग्य पच्चीस साल पहले हुआ था। आज फिर किसी काम से जब दिल्ली जाने की जरूरत पड़ी तो इन दोनों शहरों को फिर से देखकर पुरानी यादें ताजा करने का ख्याल...
Read moreएक शान्तिपूर्ण गाँव तिनचुले का सफर / Journey to a Quiet Village Tinchuley
एक शान्तिपूर्ण गाँव तिनचुले का सफर / Journey to a Quiet Village Tinchuley बनारस से कोलकाता लौटकर उसी दिन रात को न्यू जलपाईगुड़ी के लिए ट्रेन पकड़ना था। इतना लम्बा सफर मैंने पहले कभी भी तय नहीं किया था। बनारस से हावड़ा आने वाली पंजाब मेल तकरीबन नौ...
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